पाँच लाख बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन ए की खुराक, अभियान का हुआ शुभारंभ
आगरा, 26 जून 2024
जिले के विटामिन ए सम्पूर्ण कार्यक्रम के तहत पाँच लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी । ‘‘नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को कुल नौ बार विटामिन ए की खुराक लेना अनिवार्य है। ऐसा करने से बच्चों को पोषण मिलता है और उनका बीमारियों से बचाव होता है । इसके लिए एक माह तक अभियान चलेगा जिसका आगाज बुधवार से हो गया। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लोहामंडी द्वितीय के कार्य क्षेत्र विक्रमनगर स्थित नंदराम की बगीची पर आयोजित सत्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने दो वर्षीय दयान को विटामिन ए की खुराक पिलाकर अभियान का शुभारंभ किया । बुधवार को 485 सत्र स्थलों पर विटामिन ए की खुराक पिलाई गई।
अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में नौ से बारह माह के 65531 बच्चों को यह दवा दी जाएगी । विटामिन ए सम्पूरण कार्यक्रम के अंतर्गत ही एक से दो वर्ष तक के 1.25 लाख बच्चों को और दो से पांच वर्ष तक के 3.87 लाख बच्चों को इस दवा का सेवन करवाया जाएगा । इस अभियान में एएनएम का सहयोग आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करेंगी । बच्चों को यह दवा खसरे से बचाव के प्रथम और दूसरे टीके के साथ दी जाती है और इसके अलावा प्रत्येक छह माह पर अभियान के दौरान भी इसका सेवन कराया जाता है । छाया वीएचएसएनडी और छाया यूएचएसएनडी सत्रों पर बच्चों को लाकर इस दवा का सेवन करवाया जाता है । प्रत्येक सरकारी अस्पताल में यह दवा उपलब्ध है । इसे नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल किया गया है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विटामिन ए की खुराक बच्चों को कुपोषण, मिजल्स, डायरिया और रतौंधी से बचाती है । यह बच्चे के विकास में मददगार है। इसके सेवन से निमोनिया और डायरिया का खतरा कम हो जाता है। शरीर में विटामिन ए की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है। आंख कमजोर होने की आशंका होती है। इसकी कमी से बच्चे के शरीर बढ़ने में भी कमी आ सकती है। बच्चे को कमजोरी महसूस होती है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि विटामिन ए की कमी छोटे बच्चों में अंधेपन का प्रमुख कारण है जिसे दवा सेवन से दूर किया जा सकता है। इसकी कमी बच्चों के विकास को बाधित कर सकती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बाधित करती है। खसरा व दस्त पीड़ित बच्चों में इसकी कमी हो जाने से मृत्यु की आशंका अधिक होती है। टीकाकरण के साथ इस सीरप की सही और उम्र विशिष्ट खुराक देने पर करीब दस फीसदी बच्चों में दस्त, सिरदर्द, बुखार और चिड़चिड़ापन जैसे हल्के लक्षण दिखते हैं जो बिना उपचार के 24 से 48 घंटों के भीतर स्वतः ठीक हो जाते हैं । वर्ष 2013 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विटामिन ए की कमी को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या घोषित किया है क्योंकि यह पाया गया कि विश्व में छह से 59 माह के प्रत्येक तीन बच्चों में से एक बच्चे को यह प्रभावित करता है । इस स्थिति से निपटने के लिए सरकारी प्रावधानों के तहत यह सीरप उपलब्ध कराया जा रहा है।
लोहामंडी द्वितीय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुमन श्रीवास्तव ने बताया कि बुधवार को आयोजित सत्रों पर नौ से पांच वर्ष तक के 84 बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई गई। विटामिन ए की खुराक पिलाने से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता और पोषण में बढ़ोतरी होती है।
विक्रमनगर निवासी 27 वर्षीय शीवा बताती है कि मेरा बच्चा दयान दो वर्ष का हो गया है। “मैंने अपने बच्चे का टीकाकरण समय पर कराया और समय पर ही विटामिन ए की खुराक भी दिलवाई मेरा बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। आशा कार्यकर्ता शकुंतला वर्मा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शिवा चौधरी ने मेरे घर आकर बुलावा पर्ची दी थी और बताया था आपके बच्चे को विटामिन ए की तीसरी खुराक पिलाई जाएगी । मैंने अपने बच्चों को आज विटामिन ए की तीसरी खुला खिलाई है ।
उदघाटन के इस मौके पर इंचार्ज मेडिकल ऑफिसर डॉ. वीरेश सक्सेना, विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ. महिमा चतुर्वेदी, एनआई संस्था की डिविजनल कोऑर्डिनेटर विद्या, यूनिसेफ के डीएमसी राहुल कुलश्रेष्ठ, एएनएम प्रियंका, आशा कार्यकर्ता शकुंतला वर्मा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शिवा चौधरी मौजूद रहीं।