टीबी मरीजों को खोजने में आगरा को प्रदेश में दूसरी रैंक

आगरा, 26 जुलाई 2024
देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा हैं । विभाग द्वारा जनपद में टीबी उन्मूलन के लिए नये टीबी रोगियों को खोज कर उन्हें इलाज व सरकारी सुविधाओं से जोड़ने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। विभाग के इन्हीं प्रयासों के कारण टीबी मरीजों को खोजने में आगरा ने प्रदेश में दूसरी रैंक हासिल की है। यह रैंक आगरा को शासन द्वारा एक जनवरी से 13 जुलाई के बीच पूरे प्रदेश में हुई टीबी जांच की रिपोर्ट के आधार पर जारी की है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि पोर्टेबल एक्स रे मशीन से कैम्प लगा कर नये टीबी मरीज खोजे जा रहे हैं, नये टीबी मरीज खोजने के लिए शहर और गांव में प्रतिदिन दो कैंप लगाए जाते हैं जिसमें लगभग 130 लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है। संभावित मरीजों पोर्टेबल एक्स रे मशीन और बलगम का स्पुटम कलेक्ट करके दोनों तरह से जांच कराई जा रही है । दस्तक अभियान में भी स्वास्थ्य कर्मियों को टीबी की जांच अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए। ओपीडी में आने वाले मरीजों की टीबी जांच के लिए सैंपल एकत्र किया जा रहा है। टीबी जांच में जिले को पहले स्थान पर लाने का लक्ष्य है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि आगरा में कुल 27230 टीबी मरीजों को खोजने के सापेक्ष विभाग द्वारा 16888 टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया। इसमें 13509 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई। आगरा ने लक्ष्य को प्राप्त करने में 62 प्रतिशत सफलता प्राप्त कर प्रदेश में दूसरी रैंक हासिल की है। वहीं बरेली ने 62.06 प्रतिशत सफलता दर के साथ प्रदेश में पहली रैंक हासिल की है।

टीबी मरीजों को मिलती है यह सुविधा

– सरकारी प्रावधानों के अनुसार जांच व इलाज
– निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज चलने तक खाते में 500 रुपये प्रति माह की दर से
– निकट सम्पर्कियों की टीबी जांच और बचाव की दवा का सेवन
– टीबी की सीबीनॉट जांच। साथ में मधुमेह और एचआईवी की जांच
– सम्पूर्ण दवा और परामर्श

यह लक्षण दिखे तो कराएं जांच
– अगर दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी,
– सीने में दर्द, बलगम में खून आना
– शाम को पसीने के साथ बुखार
– भूख न लगना
– तेजी से वजन गिरने जैसे लक्षण हो तो जांच अवश्य करवाना चाहिए